हरिगोविंद
विश्वकर्मा
चीन
में कोरोना वायरस के क़हर के बाद 2 करोड़ 10 लाख 3 हजार मोबाइल और 8.40 लाख लैंडलाइन्स
फोनों का न तो कॉल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही उनके बिल भरे जा रहे
हैं। इसलिए मजबूर होकर चीन की सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों ने इन फोनों को बंद कर
दिया है। इससे दुनिया भर में आशंका यह जताई जा रही है कि चीन में कोविड-19 से बहुत
बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, लेकिन वहां की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार
ने मृतक के आंकड़ों पर लीपापोती कर रही है।
अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट के बाद सबसे प्रतिष्ठित अख़बार समूह The Epoch Times ने अपने प्रिंट एवं डिजिटल एडिशन में इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन
में 21
मिलियन यानी दो करोड़ दस हजार मोबाइल फोन अकाउंट्स पिछले दो महीने के दौरान
डिएक्टिवेट हो गए हैं। आशंका यह जताई जा रही है कि कोरोना वाइरस से जो लोग अपना
जान गंवा बैठे, उनका
फोन बंद हो गया है। हालांकि चीन कह रहा है कि कोरोना के चलते परेशान होकर लोग
मोबाइल फोन अकाउंट बंद कर रहे हैं। आज के दौर में किसी का अपना फोन कोरोना के कारण
बंद करने की बात हज़म नहीं हो रही है। इसलिए लग रहा है कि चीन शर्तिया कोरोना
मृतकों की संख्या अब भी छुपा रहा है।
चीनी
मामलों के टिप्पणीकार तांग जिंगुआन ने 21 मार्च बातचीत कै दौरान कहा, “सेल फोन चीन में लोगों के जीवन का एक बहुत ही
अनिवार्य हिस्सा हैं। वहां दुनिया के दूसरे देशों के मुक़ाबले अदिक लोग मोबाइल फोन
का इस्तेमाल करते हैं। चीन में डिजिटलीकरण का स्तर दुनिया के किसी भी देश के
मुक़ाबले बहुत अधिक ऊंचा है। वहां लोग सेल फोन के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं। पेंशन
और सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार से व्यवहार करने, ट्रेन
टिकट खरीदने, खरीदारी करने के लिए लोग सेल फोन का
उपयोग करते हैं।”
तांग
जिंगुआन कहते हैं “कम्युनिस्ट शासन में हर चीनी को हेल्थ कोड जनरेट करना पड़ता है,
उसके लिए हर नागरिक अपने सेल फोन का उपयोग करता है। फिलहाल, केवल ग्रीन हेल्थ कोड
धारक को चीन में कहीं आने-जाने की अनुमति है। ऐसे परिवेश में किसी नागरिक के लिए
अपना सेल फोन खाता बंद या रद्द करना असंभव सा है। चीन ने फोन को पंजीकृत करने वाले
हर व्यक्ति की पहचान की पुष्टि के लिए 1 दिसंबर, 2019 को अनिवार्य रूप से फेस स्कैनिंग
की शुरू की।
तांग
जिंगुआन कहते हैं “इससे पहले, 1 सितंबर, 2010 तक चीन को सभी सेल फोन उपयोगकर्ताओं को
अपनी वास्तविक पहचान (आईडी) के साथ फोन को पंजीकृत करने की आवश्यकता होती थी,
जिसके द्वारा सरकार
अपने व्यापक निगरानी प्रणाली के माध्यम से लोगों के भाषणों की मॉनिटरिंग कर सकती थी।
इसके अलावा, चीनी
लोगों को अपने सेल फोन के साथ अपने बैंक खाते और सामाजिक सुरक्षा खाते को जोड़ना पड़ता
है, क्योंकि इन सभी सेवा के ऐप ही फोन के सिम कार्ड का पता लगा सकते हैं और फिर सरकार
के डेटाबेस के जरिए यह सुनिश्चित करने के लिए जांच सकते हैं कि अमुक नंबर उसी व्यक्ति
का है या नहीं है।"
बीजिंग
ने 10 मार्च, 2020 को सेल फोन आधारित हेल्थ कोड को शुरू किया। इसके लिए चीन में हर
नागरिक को सेल फोन ऐप इंस्टॉल करना और उसमें अपनी व्यक्तिगत हेल्थ इनफॉर्मेंशन दर्ज
जरूरी हो गया। उसके बाद ऐप लोगों के हेल्थ स्टैटस को वर्गीकृत करने के लिए,
तीन रंगों में क्यूआर
कोड जनरेट करता है। रेड का अर्थ है, व्यक्ति को कोई संक्रामक बीमारी, येलो का अर्थ,
व्यक्ति को कोई संक्रामक बीमारी हो सकती है और ग्रीन का अर्थ है कि व्यक्ति को कोई
संक्रामक बीमारी नहीं है।
चीनी
उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले 19 मार्च 2020 को फरवरी में हर राज्य
में फोनधारकों की संख्या बताई। पिछली घोषणा की तुलना में, जिसे नवंबर 2019 तक के डेटा के लिए 18
दिसंबर, 2019
को जारी किया गया था, दोनों
सेल फोन धारकों और लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं की संख्या में नाटकीय रूप से भारी गिरावट
दर्ज की गई है। एक साल पहले इसी अवधि में सेल फोन धारकों खातों की संख्या में
वृद्धि हुई थी।
सेल
फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.600957 बिलियन यानी 160.0957 करोड़ से घटकर 1.579927
बिलियन यानी 157.9927 करोड़ हो गई, जो कि 21.03 मिलियन यानी 2 करोड़ 10 लाख 3 हजार
कम है। लैंडलाइन उपयोगकर्ता 190.83 मिलियन यानी 19.083 करोड़ से घटकर 189.99
मिलियन यानी 18.999 करोड़ तक गिर गए, जो कि 0.84 मिलियन यानी 8 लाख 40 हज़ार कम है।
फरवरी
2019 में, संख्या
बढ़ गई थी। 26 मार्च, 2019
और 20 दिसंबर, 2018
को मंत्रालय की घोषणाओं के अनुसार, फरवरी 2019 में सेल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या
1.5591 बिलियन यानी 155.91 करेड़ से बढ़कर 1.5835 बिलियन यानी 158.35 करोड़ हो गई,
जो कि 24.37 मिलियन
यानी 2 करोड़ 43 लाख और सात हजार अधिक है। लैंडलाइन उपयोगकर्ता 183.477 मिलियन यानी
18.3477 करोड़ से बढ़कर 190.118 मिलियन यानी 19.0118 करोड़ हो गए थे, जो 6.641 मिलियन यानी 66 लाख 41 हजार अधिक
था।
चीनी
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, 2019 के अंत में देश की जनसंख्या 2018 की तुलना
में 4.67 मिलियन यानी 46 लाख 70 हज़ार अधिक थी, और 1.40005 बिलियन यानी एक अरब 40
करोड़ 50 हज़ार तक पहुंच गई थी। लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं में 2020 की कमी फरवरी में
राष्ट्रव्यापी क्वारंटीन के कारण हो सकती है, जिसके दौरान कई छोटे व्यवसायों को बंद
कर दिया गया था। लेकिन सेल फोन उपयोगकर्ताओं की कमी को इस तरह से नहीं समझाया जा
सकता है। सभी तीन चीनी सेल फोन वाहक के ऑपरेशन डेटा के अनुसार, दिसंबर 2019 तक सेल फोन खातों में
वृद्धि होती रही, लेकिन
2020 में अचानक तेज़ी से गिरावट हुई।
चीन
को सेल फोन मार्केट में लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदार चाइना मोबाइल चीन में मोबाइल
सर्विस देने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने बताया कि उसने फरवरी 2020 में
7.254 मिलियन यानी 72 लाख 54 हज़ार सेल फोन धारक खो दिए। इसी तरह जनवरी 2020 में
0.862 मिलियन यानी 86 हजार 2 सौ फोन काते बंद हो गए थे। जबकि कंपनी के मोबाइल खाता
धारकों में दिसंबर 2019 में 3.732 मिलियन यानी 37 लाख 32 हज़ार मोबाइल फोन धारकों
की बढ़ेतरी हुई थी। 2019 की शुरुआत में चाइना मोबाइल का कारोबर लाभोन्मुख था।
जनवरी 2019 में कंपनी के ग्राहकों की संख्या में 2.411 मिलियन यानी 24 लाख 11
हज़ार की बढ़ोतरी हुई थी। इसी तरह फरवरी 2019 में कंपनी के 1.091 मिलियन यानी
10 लाख 91 हज़ार उपयोगकर्ता बढ़े थे।
चीन
को सेल फोन मार्केट में लगभग 21 प्रतिशत हिस्सेदार चाइना टेलीकॉम चीन की दूसरी सबसे
बड़ी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। इस
कंपनी ने फरवरी 2020 में 5.6 मिलियन यानी 56 लाख उपयोगकर्ता खो दिए। इसी तरह जनवरी
2020 में 0.43 मिलियन यानी 43 लाख उपयोगकर्ता खो दिए। गौरतलब है कि चाइना टेलीकॉम ने
2019 के दिसंबर
में 1.18
मिलियन यानी 11 लाख 80 हज़ार उपयोगकर्ता, फरवरी में 2.96 मिलियन यानी 29 लाख 60 हज़ार और जनवरी
में 4.26
मिलियन यानी 42 लाख 60 हज़ार उपयोकर्ता हासिल कि किए।
चीन
की तीसरी मोबाइल कंपनी चाइना यूनिकॉम ने अभी तक फरवरी का डेटा सार्वजनिक नहीं किया
है। इस कंपनी ने जनवरी 2020 में और 2019 की शुरुआत में अपने यूजर्स की संख्या
को सर्वजनिक किया है। कंपनी ने जनवरी 2020 में 1.186 मिलियन यानी 11 लाख 86 हज़ार उपयोगकर्ता
खो दिए, जबकि पिछले साल फरवरी यानी फरवरी 2019 में कंपनी को 1.962 मिलियन यानी 19 लाख 62 हज़ार उपयोगकर्ता
प्राप्त हुए। इसी तरह जनवरी 2019 में कंपनी को 2.763 मिलियन यानी 27 लाख 63 हज़ार उपयोगकर्ता
मिले थे।
चीनी
सरकार हर वयस्क चीनी नागरिक को अधिकतम पांच सेल फोन नंबर्स के लिए आवेदन करने की
अनुमति देता है। 10 फरवरी के बाद से अधिकांश चीनी छात्रों ने स्कूल/कॉलेज बंद होने के चलते सेल फोन नंबर के साथ
ऑनलाइन कक्षाएं अटेंड की। इन छात्रों के खाते उनके माता-पिता के नाम से हैं,
जिसका अर्थ है
कि कुछ माता-पिता को फरवरी में अपने बच्चों के लिए एक नया सेल फोन अकाउंट खोलने की
आवश्यकता थी। इसका मतलब फरवरी में मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़नी अपेक्षित थी। अब सवाल
यह उठता है कि क्या सेल फोन खातों में नाटकीय गिरावट कोरोना वायरस के कारण मरने
वालों के खाता बंदी को दर्शाता है?
तांग
जिंगुआन कहते हैं "यह भी संभव है कि कुछ प्रवासी श्रमिकों के पहले दो सेल फोन
नंबर थे। एक उनके गृहनगर से है, और दूसरा वे जिस शहर में काम करते हैं। इस
हिसाब से फरवरी
से वे अपने कार्यस्थल वाले फोन नंबर को बंद कर सकते हैं, क्योंकि वे वहां नहीं जा
सकते। आमतौर पर, प्रवासी
श्रमिक जनवरी में चीनी नववर्ष के लिए अपने गृह शहर चले जाते थे, और फिर यात्रा प्रतिबंधों ने उस शहर
में लौटने से रोक दिया होता जहां वे नौकरी करते थे। चीन में सेल फोन के लिए कुछ मूल
मासिक शुल्क के चलते अधिकांश प्रवासी श्रमिक केवल एक सेल फोन रखते हैं। चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने 29
अप्रैल, 2019
को घोषणा की थी कि चीन में 288.36 मिलियन यानी 28 करोड़ 83 लाख 60 हजार प्रवासी
श्रमिक थे। पिछले 17 मार्च को चीन सरकार ने कहा कि हुबेई प्रांत को
छोड़कर चीन के सभी प्रांतों में 90 प्रतिशत से अधिक
व्यवसाय का संचालन शुरू हो गया है। झेजियांग, शंघाई, जिआंगसु, शानडांग, गुआंग्शी और चोंगकिंग में लगभग सभी
व्यवसायों ने उत्पादन फिर से शुरू कर दिया है। इस तरह यदि प्रवासी श्रमिकों की संख्या
और रोज़गार का स्तर दोनों सही हैं, तो 90 फ़ीसदी से अधिक प्रवासी श्रमिक काम पर
वापस आ गए हैं।
तांग
जिंगुआन कहते हैं "ऐसा संभव है कि चीन में शटडाउन के कारण हुए आर्थिक उथल-पुथल
के चलते कुछ दो फोन रखने वाले लोग अपना दूसरा अतिरिक्त फोन सरेंडर कर सकते हैं,
क्योंकि व्यापार बंद होने के कारण, वे अतिरिक्त बिल का खर्च वहन नहीं करना चाहते
हैं। बहरहाल, वर्तमान समय में डेटा का विवरण कोई नहीं जानता है। अगर केवल 10
प्रतिशत सेल फोन यूजर्स की करोना से मौत हो जाने से बंद होते तो भी चीन में कोरोना
से मरने वालों की संख्या दो मिलियन यानी 20 लाख तक हो जाएगी।” चीन की ओर से जारी मौत की जानकारी दूसरे स्रोतों
से मिली सूचना से मेल नहीं खाती है, अन्यथा वहां की स्थिति के बारे में जाना जा
सकता है।
चीन
की इटली के साथ तुलना करने से पता चलता है कि चीन में मरने वालों की संख्या बहुत कम
है। इटली ने भी सी तरह के साधनों को अपनाया जो चीनी शासन ने चीन में इस्तेमाल किया
था। इसके बावजूद कोरोना वायरस से इटली में 4,825 मौंते हुई यानी वहां 9 प्रतिशत की
मृत्यु दर है। जबकि चीन में वायरस से अधिक बड़ी आबादी के साथ था
फिर भी वहां इटली में रिपोर्ट की गई आधी से भी कम 4 प्रतिशत
की मृत्यु दर 3,265
लोगों की मौत बताई जा रही है।
हुबेई
प्रांत के कोरोना वायरस के एपिसेंटर में गतिविधियां चीन में होने वाली मौतों के
आंकड़ों के भी एकदम विपरीत हैं। चीन के वुहान में सात अंतिम संस्कार घरों में
जनवरी के अंत में 24 दिन, 24 घंटों के शव जलते रहने की सूचना थी। चीन 16
फरवरी से लगातार हुबेई प्रांत में एक दिन में 5 टन मेडिकल कचरा निकल रहा है और चीन
शव जलाने में सक्षम 40 मोबाइल क्रिमेटर्स का उपयोग कर रहा है।
जो
भी हो डेटा में कमी के चलते चीन में कोरोना वायरस की मौत एक रहस्य बन
गया है। दो करोड़ से ज़्यादा मोबाइल फोन का अचानक बंद होना यही संकेत करता है कि
चीन में कोराना वायरस से मरने वालों की वास्तविक संख्या आधिकारिक संख्या से बहुत अधिक
भी हो सकती है। गौरतलब है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कवरअप और
कुप्रबंधन ने कोरोना वायरस को पूरे चीन में फैलने और एक वैश्विक महामारी बनाने की
अनुमति दी।
सारी सूचनाएं अमेरिकी अख़बार The Epoch Times से साभार
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