हरिगोविंद
विश्वकर्मा
ऐसे
समय जब चीन की लापरवाही से चीन के वुहान से निकलकर दुनिया भर में फैल चुके कोरोना
वायरस से बहुत बड़ी तादाद में मौत और संक्रमण की ख़बरें मिल रही है। तब चीन और चीन
के लोगों के ख़िलाफ़ दुनिया भर में नफ़रत बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। वॉट्सअप, फ़ेसबुक,
ट्विटर और दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोग इन मौतों के लिए चीन को ज़िम्मेदार
ठहरा रहे हैं और चीन पर जमकर गुस्सा
निकाल रहे रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग चीन में निर्मित
सामानों के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं तो बहुत बड़ी तादाद में लोग चीन के
ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुक़दमा दर्ज करने की पैरवी कर रहे हैं।
अमेरिका,
यूरोप ही नहीं एशिया और चीन के पड़ोसी देशों से लोगों में चीन के प्रति ग़ुस्सा और
नफ़रत देखी जा रही है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बहुत सारे लोग कोरोना संबंधी
ट्वीट करने के लिए कुंगफू, चाइना वायरस और कम्युनिस्ट वायरस जैसे
हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसी साइटों पर डाटा टै्रफिक 1000 फीसदी तक बढ़ गया
है। कुछ मीडिया आउटलेट्स भी एशियाई लोगों के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं।
भारत
में 21 दिन के लॉकडाउन के कारण बहुत से लोगों का समय सोशल मीडिया, कम्युनिकेशन एप्स, चैट रूम और गेमिंग में बीत रहा है। इस दौरान बहुत
बड़ी संख्या में लोग चीन और चीन लोगों के ख़िलाफ़ संदेश भेजकर कोरोना फैलाने में
उनका हाथ बता रहे हैं। देश में कोरोना का क़हर बहुत तेज़ी से फैल रहा है।
इज़रायल
स्थित टेक स्टार्टअप लाइट की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना वायरस को लेकर भारी तादाद
में लोग चीन को ज़िम्मेदार मान रहे हैं। इसलिए वे चीन के लोगों के लिए नफ़रत भरे
संदेश भेजकर बीज़िंग के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं। लोगों के संदेशों में गाली
गलौज़, विषवमन, आक्रोश और ग़स्सा दिख रहा है।
यह स्टार्टअप सोशल मीडिया पर समाज विरोधी कंटेंट की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से
निगरानी करता है।
टेक
स्टार्टअप लाइट कंपनी के अनुसार चीन से शुरू होने वाली इस महामारी के बाद कुछ
दिनों तक तो प्रेरक कंटेंट देखने को मिला लेकिन अब सिर्फ ग़ुस्से भरे संदेश ही
देखने को मिल रहे हैं। इन संदेशों में दुनिया भर में कोरोना का प्रकोप फैलने के
पीछे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसीलिए बड़ी संख्या
में लोग कोरोना वायरस को चीनी वायरस या सीसीपी वायरस कहा जा रहा है।
पश्चिम
ही नहीं, पूरी दुनिया मानती है कि कोरोना वायरस
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कुप्रबंधन ने चलते चीने के बाहर चला गया और आजकल
वैश्विक महामारी बन चुका है। अमेरिकी अख़बार ‘दी अपोच
टाइम्स’ तो अपनी हर स्टोरी में कोरोना वायरस
को सीसीपी वायरस यानी कम्युनिस्ट पार्टी वायरस के रूप में लिख रहा जा रहा है। अख़बार
के मुताबिक, लोग मानते हैं कि कोराना चीन की जनता की लापरवाही से नहीं, बल्कि चीन में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट
पार्टी की लीपापोती का नतीजा है। इसीलिए
इसे सीसीपी वायरस कहा जा रहा है। आस्ट्रेलिया
में स्काई न्यूज ने एक वीडियो जिसमें कहा गया है कि चीन ने जान बूझकर दुनिया में
कोरोना फैलाया। इस वीडियो पर पांच हजार से अधिक लोगों ने कमेंट किया है।
अमेरिका
के कई राजनेता और दक्षिणपंथी समूहों के कार्यकर्ता चेतावनी दे चुके हैं। इसीलिए कोरोना
को लेकर चीनी समुदाय के ख़िलाफ़ नस्लभेदी नफ़रत बढ़ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड
ट्रंप द्वारा कोविड-19 वायरस को बार-बार चाइनीज वायरस कहने से भी लोगों के मन में
चीन के प्रति दुर्भावना बढ़ रही है।
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