Powered By Blogger

गुरुवार, 25 जनवरी 2018

भारतीय गणतंत्र का इतिहास


Addressing a gathering on 69th Republic Day at Mira Road
भारतीय गणतंत्र का इतिहास
दरअसल,कहा जा रहा है कि इस साल 69 वां गणतंत्र दिवस है। जबकि भारत का गणतंत्र समारोह 1930 से मनाया जा रहा है।
दरअसल, सन् 1929 के दिसंबर में लाहौर (अब पाकिस्तान में) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पं जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ जिसमें प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त उपनिवेश (डोमीनियन) का पद नहीं प्रदान करेगी, जिसके तहत भारत ब्रिटिश साम्राज्य में ही स्वशासित एकाई बन जाता, तो भारत अपने को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा।

26 जनवरी 1930 आकर गुज़र गया। अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत पूर्ण स्वतंत्रता के संकल्प की घोषणा कर दी और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। बहहाल, स्वतंत्रता मिलने के बाद 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई। 9 दिसंबर 1947 को संविधान सबा का गठन किया गया, जो 2 साल 11 महीने 18 दिन में पूरा हो गया।

संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ. भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि समेत इस सभा में कुल 308 सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थी जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण संविधान लिखनाया निर्माण करनाथा। प्रारूप समिति के अध्यक्ष विधिवेत्ता डॉ. भीमराव आंबेडकर थे। प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर जी ने भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत संविधान सुपूर्द किया।  इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के कुल 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई।

भारतीय संविधान के विभिन्न प्रावधान इन देशों से लिए गए हैं....
ब्रिटेन: संसदीय प्रणाली, विधि निर्माण, एकल नागरिकता
अमेरीका: न्यायिक, स्वतंत्रता का अधिकार और मौलिक अधिकार
जर्मनी: आपातकाल का सिद्धांत
फ्रांस: गणत्रंतात्मक शासन व्यवस्था
कनाडा: राज्यों में शक्ति का विभाजन
आयरलैंड: नीति निदेशक तत्व
ऑस्ट्रेलिया: समवर्ती सूची
दक्षिणअफ्रीका: संविधान संशोधन की प्रक्रिया
रूस: मूल कर्तव्य


कोई टिप्पणी नहीं: