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शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

डोनॉल्ड ट्रंप अगर चुने गए तो भारत के लिए ज़्यादा उपयोगी होंगे

हरिगोविंद विश्वकर्मा
अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव को भारत के नज़रिए से देखें तो क़रीब चार दशक से आतंकवाद, ख़ासकर पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड दहशतगर्दी, का दंश झेल रहे इस देश के लिए रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार डोनॉल्ड जॉन ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ज़्यादा उपयोगी होंगे, क्योंकि ट्रंप प्रत्याशी बनाए जाने से पहले से ही दुनिया से इस्लामिक  आतंकवाद को जड़ से कुचलने के लिए हर मुमकिन अभियान शुरू करने के पैरोकार रहे हैं।

वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध अहम मुद्दा बनकर उभरा है। दुनिया के सबसे ताक़तवर व्यक्ति के चुनाव को भारत के परिपेक्ष्य में देखें तो ट्रंप का भारत के प्रति अप्रोच हिलेरी के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा सकारात्मक नज़र आ रहा है। इस्लामिक टेरॉरिज़्म को जड़ से कुचलने के नारे पर अपने देश की जनता का समर्थन पाने वाले ट्रंप कमोबेश भारत की चर्चा चुनाव प्रचार व प्रेसिडेंशियल डिबेट्स में भी कर रहे हैं और वह भारत को अमेरिका का नैचुरल अलाई मान रहे हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात है कि डोलॉल्ड ट्रंप चुनाव में भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक के रूप में उभरे हैं। दरअसल, दुनिया भर के मुसलमानों के ख़िलाफ़ खुलेआम ज़हर उगलने वाले खरबपति ट्रंप जब चुनाव मैदान में उतरे तो उन्हें भारत विरोधी माना जा रहा था, लेकिन जिस तरह वह भारत और भारतीय को ग्रेट कंट्री ऐंड ग्रेट पीपल के रूप में संबोधित कर रहे हैं, उससे लगता है, अगर ट्रंप दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति बनकर ह्वाइट हाऊस पर क़ाबिज़ हुए तो भारत फ़ायदे में रह सकता है।

लास वेगस में हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के तीसरे और आखिरी डिबेट में ट्रंप ने अमेरिका की बदतर अर्थव्‍यवस्‍था के लिए कई साल से शासन करने वाली सीधे डेमोक्रेटिक पार्टी की नीतियों को जिम्‍मेदार ठहराया। इस संदर्भ में उन्‍होंने भारत की तेज़ विकास दर का हवाला देकर कहा, भारत आठ फ़ीसदी की जीडीपी की दर से आगे बढ़ रहा है और अमेरिका एक फ़ीसदी की दर के साथ पिछड़ रहा है। हिलेरी की योजना टैक्‍स को बढ़ाने की है और आपके टैक्‍स को दोगुना करने की है।

70 वर्षीय ट्रंप ने भारत को ग्रेट नेशन क़रार देते हुए कहा कि विश्व सभ्यता तथा अमेरिकी संस्कृति में विलक्षणयोगदान के लिए भारतीय समुदाय की वह प्रशंसा करते हैं। ट्रंप ने कहा, “वैश्विक सभ्यता और अमेरिकी संस्कृति में हिंदू समुदाय ने असाधारण योगदान दिया है। हम हमारे मुक्त उद्यम, कड़ी मेहनत, पारिवारिक मूल्यों और दृढ़ अमेरिकी विदेश नीति के साझा मूल्यों को रेखांकित करना चाहते हैं।

राष्ट्रपति पद पिछले दो चुनाव में यह पहली बार है जब कोई उम्मीदवार भारतीय अमेरिकी सार्वजनिक कार्यक्रम में शरीक हुआ। ट्रंप के फैसले को छोटे लेकिन शक्तिशाली भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा गया है। वैसे हिलेरी ने भी अपने प्रचार दल में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी लोगों को नियुक्त किया है। हालंकि प्यू सर्वे के ताजा सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अमेरिकी लोगों का झुकाव डेमोकेट्रिक पार्टी के पक्ष में अधिक है, लेकिन ट्रंप को भरोसा है कि भारतीय मूल के वोट उन्हें मिलेंगे।

इसके लिए ट्रंप काफ़ी होमवर्क किया और उन्होंने भारतीयों को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है और वादा किया कि अगर सत्ता में आए तो भारत और अमेरिका 'बेस्ट फ्रेंड' बनेंगे। अपने चुनावी कैंपेन के दौरान पहली बार न्यू जर्सी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ट्रंप ने मोदी के आर्थिक सुधारों की भी जमकर तारीफ़ की और कहा कि मोदी की वजह से ही भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।

डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय पीएम को 'महान शख्स' करार देते हुए कहा, ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन में भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त बनेंगे, क्योंकि दोनों देश मुक्त व्यापार का समर्थन करते हैं। हम दूसरे देशों के साथ अच्छे व्यापारिक करार करेंगे। हम भारत के साथ बहुत सारा बिज़नेस करने वाले हैं। हम दोनों साथ में असाधारण भविष्य के साझीदार बनेंगे। ट्रंप ने मोदी का गुणगान करते हुए कहा कि वह ग्रेट लीडर हैं और वह उनकी तारीफ करते हैं। मोदी ने जो क़दम उठाए, वैसे ही क़दम अमेरिका में भी उठाए जाने ज़रूरी है।

भारत को अविश्वसनीय जनता का अविश्वसनीय देश करार देते हुए ट्रंप कहां, मैं हिंदुओं व भारत का बहुत बड़ा फैन हूं और ट्रंप ऐडमिनिस्ट्रेशन में भारतीय और हिंदू समुदाय वाइटहाउस में हमारे सच्चे दोस्त होंगे। हिंदुओं और इंडो-अमेरिकी लोगों की कई पीढ़ियों ने देश को मज़बूती दी है। भारतीय मूल के लोग कठोर परिश्रम और उद्यमी होते हैं। मेरा भारत में बहुत ज्यादा विश्वास है। 19 महीने पहले मैं वहां था और मैं वहां कई बार और जाने की दिशा में सोच रहा हूं।

इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से कुचलने की दिशा में ट्रंप ने भारत को अपना दोस्त क़रार दिया है। ट्रंप ने कहा, इस्लामिक आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में भारत की भूमिका ज़बरदस्त रही हैं। हमारा शानदार दोस्त भारत कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के ख़िलाफ़ अमेरिका के साथ है। भारत को आतंकवाद से ज़ख़्म ही ज़ख़्म मिला है। संसद पर हमला और मुंबई पर आतंकी हमला भारत कभी नहीं भूल सकता। मुंबई एक ऐसी जगह है, जिसे मैं प्यार करता हूं और समझता हूं।

चुनाव नतीजा चाहे जो हो लेकिन धरती के सबसे शक्तिशाली पद के लिए हो रहे चुनाव में ट्रंप को जिस तरह से जनता, ख़ासकर युवाओं का समर्थन मिल रहा है, वह नरेंद्र मोदी के प्रचार की याद दिलाता है, जब दो ढाई साल पहले सेक्यूलर पॉलिटिक्स करने वाली ताक़तों की हर कोशिश के बावजूद गठबंधन के दौर में भारतीय मतदाताओं ने बीजेपी को 282 सीटों का स्पष्ट बहुमत का तोहफ़ा दिया था। यहां सवाल उठता है कि क्या अमेरिकी जनता भी आजकल वैसा ही सोच रही है, जैसा पिछले आम चुनाव में भारत की जनता सोच रही थी?


अमेरिकी जनता दरअसल, ऐसा नेता खोज रही है जो कूटनीति में नहीं, धमकियों से बात करे। जो हर बात पर धौंस जमाने वाली बात करे। ट्रंप इस सांचे में एकदम फिट बैठ रहे हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप राष्ट्रपति बन गए तो अमेरिका शांति का दूत नहीं, धौंस का हथियार बन जाएगा। कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को अमेरिका के सामने गंभीर समस्या मानते हुए ट्रंप मुस्लिमों का अमेरिका में प्रवेश अस्थायी तौर पर रोकने का बयान दे चुके हैं। ट्रंप ने कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में भारत और मुस्लिम देशों के साथ मिलकर काम करेंगे।

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