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गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

चीन के वुहान से लॉकडाउन हटते ही हज़ारों लोगों का पलायन

हरिगोविंद विश्वकर्मा
दुनिया को वैश्विक महामारी सीसीपी वारयस (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी वायरस) को नज़राना देने वाले और इस मौत के सौदागर का एपीसेंटर रहे चीन के हुबेई प्रांत के वुहान में सरकार ने जैसे ही 76 दिवसीय लॉकडाउन को उठाने की घोषणा की वैसे ही वुहान से पलायन करने वालों का तांता लग गया है। पहले दिन यानी 8 अप्रैल 2020 को ही 20 हज़ारों लोग शहर से पलायन कर गए।

अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट के बाद सबसे प्रतिष्ठित समाचार पत्र समूह The Epoch Times ने अपने प्रिंट एवं डिजिटल एडिशन में इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले तीन महीने के दौरान बहुत बड़ी तादाद में लोगों की लाशें देखकर ये लोग विचलित हो गए हैं और अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं, इसलिए लोग किसी तरह ऐसी जगह जाना के लिए तत्पर थे जहां, उनकी जान बच सके। इसीलिए मौक़ा मिलते ही लोग परिवार समेत वुहान से पलायन कर रहे हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक 23 जनवरी, जब सरकार ने शहर के 1 करोड़ 10 लाख लोगों को उनके घरों में क़ैद करने की घोषणा की थी, के बाद से कोरोना का मार झेल चुके इस शहर ने इतनी अभूतपूर्व भीड़ कभी नहीं देखी थी। आलम यह था कि सरकार द्वारा लॉकडाउन ख़त्म करे के निर्धारित समय आधी रात होने से पहले ही एक्सप्रेसवे पर बहुत बड़ी तादाद में लोग हो गए थे। लोगों ने ट्रेन और विमान पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर जाने के लिए पहले से ही अपने शरीर को सुरक्षात्मक लिहाफ लपेटकर शहर से बाहर निकलने के लिए अपनी बारी का इतज़ार करते देखे गए थे।


सीमावर्ती क्षेत्र से लिए गए विडियों के फुटेज यह कहानी ख़ुद बयां कर रहा है। स्थानीय लोगों को अपनी कार का हार्न बजाकर ढाई महीने बाद मिली आज़ादी का स्वागत किया। 8 अप्रैल, 2020 की अलसुबह ली गई हवाई तस्वीर वुहान में एक राजमार्ग के टोल प्लाज़ा पर कतार में खड़ी कारों को दर्शाती है। वुहान के 75 हाइवे टोल में से एक पर निकलने की प्रतीक्षा कर रहे चेन ने बताया, हम फिर मौत के मुहाने पर ढकेल दिए जाएं, इससे पहले यहां से निकल जाना चाहते हैं, क्योंकि कोई नहीं जानता कि कब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार अपनी पॉलिसी बदलने की घोषणा कर दे। मुझे इस बात का दुख है कि मैंने अपने बॉस का आग्रह ठुकरा दिया जिसने उससे रुकने का आग्रह किया था।


हाइवे पर अपनी बारी का इतंज़ार कर रहे हेनयांग जिले के लीयू, जिनमें माता-पिता हेनयांग में ही रहते हैं, भी इसी तरह की चिंता जताते हैं। उन्होंने कहा, यहां किसी को कुछ नहीं पता कि कल क्या होने वाला है। इसलिए लोग अपनी और अपने परिजनों की जान बचाने के लिए सब कुछ वुहान में छोड़कर पलायन कर रहे हैं। लीयू ने कहा, "आप कभी नहीं जान सकते कि इस देश की नीतियां किस दिशा में जा रही हैं," लीयू हेनान प्रांत के ज़िनयांग शहर में पहुंच कर अपनी कार मंगोलिया की मोड़ते हुए बताया, “जितना जल्दी संभव हो पा रहा है, हम वुहान छोड़ रहे हैं। यहां हर दिन किसी न किसी परिवर्तन की घोषणा की जाती है।”


आवागमन पर लगे प्रतिबंध के हटने से एक घंटे पहले हज़ारों की संख्यां में कारें हाइवे के प्रवेश द्वार पर क़तारबद्ध हो गई थी। वुहान से बुधवार को लगभग 55,000 लोगों के रेलयात्रा का टिकट बुक करवाया था। अगले दिन यह संख्या दोगुनी हो गई। हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि शाम तक वुहान से 10,000 यात्री बाहर निकल गए।

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